History of RID 3250

रोटरी अन्तराष्ट्रीय” विश्व के कई देशो में स्थित है एवं इस सभी को अपनी पहचान मंडल के रूप में स्थापित किया गया है. भारत में 26 मंडल हैं. जिसमे हमारा मंडल “मंडल 3250” (बिहार एवं झारखण्ड राज्य का सम्पूर्ण भू-भाग) के नाम से जाना जाता है.

जब रोटरी अन्तराष्ट्रीय ने भारत में कदम रखा तो सर्वप्रथम रोटरी कलकत्ता की स्थापना हुई. उसके बाद दूसरा रोटरी पटना की स्थापना हुई. उसी तरह 13 मार्च 1968 को रोटरैक्ट की स्थापना हुई तो एशिया का पांचवां रोटरैक्ट क्लब, रोटरैक्ट पटना चार्टर हुआ. उस वक़्त बिहार एवं उड़ीसा का सम्पूर्ण भू-भाग मंडल 326 के नाम से जाना जाता था. सत्र 1985-86 में मंडल 326 का विभाजन उड़ीसा एवं 14 रोटरैक्ट क्लबों के साथ मंडल 325 अपना बिहार बना. सत्र 1991-92 से मंडल 325, मंडल 3250 हो गया. जब बिहार बिभाजित हो कर दो राज्य बिहार एवं झारखण्ड बना तो भी रोटरी अंतराष्ट्रीय मंडल 3250 ही रहा.

मंडल 3250 से ही मंडल 326 के मंडल रोटरैक्ट प्रतिनिधि रो. राजेश कुमार, रोटरैक्ट भागलपुर से सत्र 1984-85 के लिए निर्वाचित हुए. उसके बाद मंडल का बिभाजन हुआ एवं सत्र 1985-86 में गया के रो. कौशलेन्द्र नारायण प्रताप रोटरैक्ट मंडल के रोटरैक्ट प्रतिनिधि हुए. उनके नेतृत्व में मंडल 3250 विश्व रोटरी में अपना स्थान स्थापित करने में सफल हुआ. मंडल 3250 का पहला कांफ्रेंस “RODICON 86” रामगढ़ में एवं मंडल असेंबली “Assembly & Rotaract Information” पटना में आयोजित हुआ.

हमारे मंडल में एक से बढ़कर एक एवं अनेक प्रतिभाओं के धनी रोटरैक्टर हुए जिनमे से एक थे रो. अजित चड्ढा , जो मोनो एक्टिंग के बहुत अच्छे कलाकार थे. एक मंडल कांफ्रेंस में जाते वक़्त वे दुर्घटना के शिकार हुए और हम सबों को छोड़ कर चले गए. उनकी स्मृति में मंडल कांफ्रेंस में प्रत्येक वर्ष Rtr. Ajit Chadda Memorial Mono-Acting प्रतियोगिता आयोजित होती है.


Beyond the Limit


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